बुधवार, 14 मार्च 2018

जब भगवान आपका पिण्ड-दान देने आये…


भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं में, ब्रज में जो 'कलावती' हैं, वे श्री गौर लीला में 'श्रीगोविन्द घोष' हैं ।

आप बहुत ही सुन्दर कीर्तन करते थे।

आप भगबान श्रीचैतन्य महाप्रभु जी के साथ श्रीवास आँगन, काज़ी को दलने वाले दिन में नगर-संकीर्तन में भी थे।
आपने श्रीमन्महाप्रभु जी के निर्देश पर कृष्ण-शिला से अग्रद्वीप में 


श्रीगोपीनाथ जी का विग्रह (मूर्ति) प्रकट की थी।

जब आपकी स्त्री व पुत्र स्वधाम को चले गये तो आप बहुत चिन्तित हुए कि आपकी मृत्यु के बाद आपका पिण्ड-दान कौन करेगा? इसी चिन्ता में आप सो गये। उसी रात श्रीगोपीनाथ जी आपके स्वप्न में आये और कहा -- आप चिन्ता ना करें, मैं पिण्ड दूँगा।




जब आपने तिरोधान लीला की तो उससे अगले दिन श्रीगोपीनाथ जी ने आपका पिण्ड-दान किया था ।

आज भी श्रीगोविन्द घोष ठाकुर जी की अप्रकट तिथि में श्रीगोपीनाथ जी पिण्ड-दान करते हैं।

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